Share on Facebook Share on Twitter Share on Google+ Share on Pinterest Share on Linkedin नकली शराब मामले में 12 और गिरफ्तारियां, लुधियाना के व्यापारी और 7 अन्य पहचाने गये दोषियों की खोज शुरू छापेमारी जारी, मुख्यमंत्री द्वारा पुलिस को जांच में तेजी लाने के हुक्म, मृतकों की संख्या 108 तक पहुंची नबज़-ए-पंजाब ब्यूरो, चंडीगढ़, 3 अगस्तः मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा नकली शराब के मामले में पड़ताल और तेज करने के दिशा-निर्देशों के मद्देनजर, पंजाब पुलिस ने सोमवार को 12 और व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है जिनमें दो व्यापारी भी शामिल हैं। पुलिस ने लुधियाना निवासी पेंट के एक व्यापारी की भी खोज शुरू कर दी है जिसने मूलभूत तौर पर नकली शराब के तीन ड्रम स्पलाई किये थे जिनके कारण इतनी बड़ी संख्या में मौतें र्हुइं। मुख्यमंत्री ने डी.जी.पी दिनकर गुप्ता को पुलिस को जी-जान से इस मामले की तह तक जाने के लिए पूरी ताकत के साथ पड़ताल में जुट जाने के निर्देश दिए और इस मामले में शामिल हर व्यक्ति को गिरफ्तार करके उनके खिलाफ सख्त कदम उठाना यकीनी बनाने के हुक्म भी दिए और यह भी कहा कि इस मामले में किसी को भी बख्शा नहीं जाना चाहिए। इसके साथ ही पंजाब पुलिस ने निलंबित किये दो डी.एस.पीज और चार एस.एच.ओज के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री के हुक्मों के अंतर्गत की जा रही मैजिस्ट्रेट जांच में सभी संदग्धि व्यक्तियों और छह पुलिस और सात कर और आबकारी अफसरों, जिनके निलंबन के हुक्म मुख्यमंत्री ने शनिवार को जारी किये थे, की भूमिका की गहराई के साथ जांच की जा रही है। डी.जी.पी दिनकर गुप्ता ने बताया कि ताजा गिरफ्तारियों से इस मामले में गिरफ्तार किये गए व्यक्तियों की संख्या 37 तक पहुँच गई है जिनमें अवैध शराब माफिया जोकि राज्य के कई जिलों में अपना जाल फैला चुका था, के पाँच सरगना भी शामिल हैं। इस मामले में आठ और पहचाने गये दोषियों की पूरी सक्रियता के साथ खोज शुरू कर दी गई है। इनमें लुधियाना निवासी एक पेंट की दुकान का मालिक राजेश जोशी नामक व्यक्ति भी है जोकि इस माफिया लड़ी का एक अहम हिस्सा है। उन्होंने आगे जानकारी देते हुए कहा कि इस मामले में कई और तार जुड़े होने के पक्ष की भी बारीकी के साथ जांच की जा रही है और कई जिलों में फैले अलग-अलग सप्लाई रूटों की पहचान करने के लिए भी पूरी निष्ठा के साथ कोशिशें जारी हैं क्योंकि अभी तक भगौड़े लुधियाना के व्यापारी से नकली शराब की खरीद करने वाले व्यक्तियों की संख्या काफी ज्यादा थी। उन्होंने कहा कि छापेमारी जारी है। इस मामले में मौतों की संख्या 108 तक पहुँच चुकी है जिसमें से 82 मौतें तरन तारन और अमृतसर और बटाला में 13-13 मौतें हुई हैं। पिछले 24 घंटों में हुई गिरफ्तारियों में मोगा का रवीन्द्र सिंह आनंद भी शामिल है। मकैनिकल जैक बनाने वाली फैक्ट्री चलाने वाले रवीन्द्र ने लुधियाना के कारोबारी से 11000 रुपए प्रति ड्रम के हिसाब से नकली शराब के तीन केन (प्रत्येक 200 लीटर) खरीदे थे। उसने हाल ही में हैंड सैनीटाइजर का उत्पादन करने की शुरुआत भी की थी। रवीन्द्र के पास से ये 3 ड्रम मोगा के अवतार सिंह के पास पहुँचे जिसने इनको तरन तारन के गाँव पंडोरी गोला के निवासी हरजीत सिंह और उसके 2 पुत्रों को 28000 रुपए प्रति ड्रम के हिसाब से बेच दिये। हरजीत और उसके पुत्रों ने 50000 रुपए दिए थे और बाकी बनता भुगतान अभी करना था और उन्होंने इन ड्रमों को अपने गाँव के नजदीक झाडि़यों में छुपा दिया। पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि हरजीत और उसके पुत्रों (सतनाम और शमशेर) द्वारा 6000 रुपए में गोबिन्दर सिंह को इन ड्रमों में से नकली शराब की 42 बोतलें दी गई थीं। उसके द्वारा इसमें 10 प्रतिशत मिलावट करके इनसे 46 बोतलें बना दी र्गइं और इनको आगे 28 और 29 जुलाई को 23-23 बोतलें करके बलविन्दर कौर के पुत्रों को बेच दिया गया। बलविन्दर, जिसको इस केस में सबसे पहले गिरफ्तार किया गया था, ने इस शराब में 50 प्रतिशत और पानी मिलाकर इसको आगे 100 रुपए के हिसाब से बेच दिया। रवीन्द्र सिंह ने और खुलासे करते हुए कहा है कि वह मोगा निवासी एक पेंट स्टोर के मालिक अश्वनी बजाज का सहयोगी है जिसको गिरफ्तार कर लिया गया है। रवीन्द्र से पूछताछ में राजेश जोशी की सम्मिलन सामने आई जोकि अभी तक भगौड़ा है। डी.जी.पी ने आगे बताया कि प्राथमिक जांच इस पक्ष की तरफ इशारा करती है कि गोबिन्दर, रवीन्द्र, दर्शना रानी, त्रिवेनी चौहान और हरप्रीत सिंह इस मामले में मुख्य दोषी हैं जिनके और बड़े माफिया गिरोह सदस्यों के साथ संबंधों की जांच की जा रही है।
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ਬੀਤੇ ਪੰਜ ਮਹੀਨਿਆਂ ਵਿਚ ਵਾਪਰੀਆਂ ਸਿਆਸੀ ਘਟਨਾਵਾਂ ਨਾਲ ਦੁੱਖ ਪਹੁੰਚਿਆ-ਕੈਪਟਨ ਅਮਰਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਨੇ ਅਸਤੀਫਾ ਦੇਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਸੋਨੀਆ ਗਾਂਧੀ ਨੂੰ ਲਿਖਿਆ ਪੱਤਰ