Share on Facebook Share on Twitter Share on Google+ Share on Pinterest Share on Linkedin कांग्रेस, अकाली व आप किसानों से झूठ की राजनीति कर किसानों को भड़का रहे हैं : डॉ. जितेन्द्र सिंह कैप्टन, सुखबीर व चीमा 7 स्टार कल्चर को छोड़िए और किसानों के हित के लिए सोचिए : तरुण चुग नबज़-ए-पंजाब ब्यूरो, मोहाली/रोपड़, 20 अक्तूबर : केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों में किये गए संशोधन के बारे में किसानों व आढ़तियों को जानकारी देने के लिए शुरू किये गए वर्चुअल संवाद कार्यक्रमों के तहत मोहाली व रोपड़ जिलों में आयोजित संवाद कार्यक्रम में पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के राज्य-मंत्री आईएस भारत सरकार डॉ. जितेन्द्र सिंह ने भाजपा मुख्यालय दिल्ली से जुड़ कर उन्हें विस्तृत जानकारी मुहैया की । इस दौरान उनके साथ भाजपा मुख्यालय दिल्ली से राष्ट्रीय भाजपा महासचिव तरुण चुग ने भी किसानों से संवाद किया । जितेन्द्र सिंह ने इस दौरान अपने संबोधन में कहाकि किसानी क्षेत्र का जो ध्रुवीकरण पहली बार हुआ है वो मोदी सरकार के द्वारा हुआ । हमने किसान भाइयों से इस बिल को लेकर चर्चा की । हमारे किसान भाई इस बिल से बहुत ही खुश हैं, बल्कि उनका कहना है कि इस विधेयक को तो 20 से 25 वर्ष पहले ही लागू कर देना चाहिए था । इसे लागू करने में देरी क्यों हुई । कांग्रेस सरकार द्वारा जो भ्रम फैलाया जा रहा है और हमारे किसान भाईयों को डराया जा रहा है कि उनकी जमीन हड़प ली जाएगी । झूठ की राजनीति की जा रही है तो मैं अपने किसान भाईयों को ये स्पष्ट कर दूं कि किसान की जमीन किसान की अपनी ही रहेगी । बल्कि उनका फसल से जुड़े एग्रीमेण्ट को भी किसान भाई अपनी इच्छानुसार रद्द कर सकता है और अपनी फसल को अपनी इच्छानुसार कहीं भी किसी को भी बेच सकता है । किसानों को अब बंदिश में रहने की कोई जरूरत नहीं । जितेन्द्र सिंह ने कहाकि 2017 में कांग्रेस के घोषणा पत्र में यही लिखा था जो आज मोदी सरकार ने इस बिल में लागू कर दिखाया, लेकिन कांग्रेस की दिक्कत ही यही है कि इस बिल को मोदी सरकार के जरिये लागू किया गया । पंजाब के मुख्यमंत्री को पार्लियामेंट में जो बिल पास हुआ है, उसका सम्मान करना चाहिए । किसान बिल और एमएसपी का आपस में कोई भी सम्बंध नहीं है । एमएसपी थी, है और रहेगी । कांग्रेस पार्टी द्वारा जानबूझ कर एमएसपी के मुद्दे को उठाया जा रहा है जिसका उद्देश्य किसानों का हित नहीं बल्कि आगामी चुनावी रण की तैयारी है । तरुण चुग ने अपने संबोधन में किसनों से कहाकि हमें नहीं पता कि यह हाई प्रोफाइल ड्रामा किसके घर के ड्राइंग रूम में लिखा गया है । ये केवल सुखबीर बादल और कैप्टन अमरिंदर सिंह ही बता सकते हैं, या आम आदमी पार्टी के हरपाल सिंह चीमा ही बता सकते हैं । 7 स्टार कल्चर को छोड़िए और किसानों के हित के लिए सोचिए । 9 जनवरी 2017 के कांग्रेस के घोषणा पत्र में जो वायदे किए गए थे, उन्हें अभी तक क्यों नहीं पूरा किया गया । 45 महिने बीत चुके हैं, कब तक पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह सोते रहेंगे । ‘‘90 हजार करोड़ कर्ज की माफी, प्रति एकड़ मुआवजे की मांग, मक्की की फसल को जल्द से जल्द उठाने का प्रस्ताव’’ । अगर कैप्टन अमरिन्दर सिंह अपने विधानसभा सत्र में इन तीनों बिलों को पास कर देते हैं तो मैं तरूण चुग, राष्ट्रीय महामंत्री, भाजपा उनका स्वागत करता हूं । आज के विधानसभा सत्र में कैप्टन साहब को 90 हजार करोड़ एक महिने के अन्दर यानि 20.11.2020 तक किसानों के खाते में डाल देने चाहिए, जैसा कि उन्होंने अपने घोषणा पत्र में वायदा किया था । भाजपा के लिए किसान वोट नहीं, भगवान है । तरुण चुग ने कहाकि कैप्टन अमरिन्दर सिंह अपनी जिम्मेवारी से भागें नहीं, इस्तीफा देने का ड्रामा छोड़ें और अपने घोषणा पत्र में किए गए वायदों को पूरा करें । केन्द्र सरकार ने मक्का की एमएसपी जारी कर रखी है फिर भी पंजाब सरकार द्वारा मक्के की डिमांड केन्द्र सरकार के सामने क्यों नहीं रखा जा रहा । दरअसल पंजाब में एक फिल्मी ड्रामा रचा जा रहा है, जिसकी पटकथा सुखबीर सिंह बादल ने या कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने लिखी है, हमें नहीं पता । लेकिन इस पटकथा के तीन ही किरदार है, कैप्टन साहब की कांग्रेस, अकाली दल और आम आदमी पार्टी । जो विक्टरी का साईन (ट) आप लोग प्रदर्शित कर रहे हो, इसका मतलब कांगेस की जीत के लिए है या किसानों की जीत के लिए । अगर कांग्रेस की जीत के लिए है तो कांग्रेसियों को शर्म आनी चाहिए । एक तरफ आपका कहना है कि एमएसपी से नीचे कोई खरीदेगा तो उसके खिलाफ एफआईआर की जाएगी और दूसरी तरफ आप मक्की का प्रस्ताव पास करके केन्द्र के समक्ष नहीं रख रहे । ये दोहरा चेहरा छोड़िये । इस अवसर पर भाजपा मुख्यालय, चंडीगढ़ से भाजपा किसान मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष बिक्रमजीत सिंह चीमा, सुखवंत सिंह धनौला, मोहाली व रोपड़ से अरविन्द्र मित्तल, सुखविंदर सिंह गोल्डी, खुशवंत सिंह गीगा, नरिंदर राणा, जगदीप सिंह जग्गी, प्रीत कंवल, परमिंदर शर्मा आदि इस वर्चुअल बैठक में शामिल हुए ।
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ਬੀਤੇ ਪੰਜ ਮਹੀਨਿਆਂ ਵਿਚ ਵਾਪਰੀਆਂ ਸਿਆਸੀ ਘਟਨਾਵਾਂ ਨਾਲ ਦੁੱਖ ਪਹੁੰਚਿਆ-ਕੈਪਟਨ ਅਮਰਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਨੇ ਅਸਤੀਫਾ ਦੇਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਸੋਨੀਆ ਗਾਂਧੀ ਨੂੰ ਲਿਖਿਆ ਪੱਤਰ