Share on Facebook Share on Twitter Share on Google+ Share on Pinterest Share on Linkedin मुख्यमंत्री ने किसानों के साथ बातचीत करने के लिए पुलिस अफसरों को तैनात किये जाने के इल्ज़ामों को बेबुनियाद बताया कहा पंजाब पुलिस का काम सूचना एकत्रित करना और मेरा काम हालात पर नजऱ रखना शिरोमणि अकाली दल और आप को झूठे प्रचार के लिए आड़े हाथों लिया, कहा सुखबीर या तो संतुलन गंवा बैठे हैं या भूलने की बीमारी के शिकार हैं चंडीगढ़, 8 जनवरी: सभी इल्ज़ामों और रिपोर्टों को पूरी तरह बेबुनियाद और बुरी नीयत से प्रेरित बताते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि दिल्ली की सरहद पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ बातचीत करने के लिए पुलिस अफसरों की तैनाती किये जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता। उन्होंने कहा कि वह इस बात को स्पष्ट कर चुके हैं कि गेंद अब केंद्र सरकार के पाले में है और किसानों के साथ बातचीत में पंजाब सरकार की कोई भूमिका नहीं है। मुख्यमंत्री ने मीडिया के एक हिस्से में प्रसारित हो रही रिपोर्टों के आधार शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी (आप) की तरफ से लगाए जा रहे इल्ज़ामों की कड़ी आलोचना भी की। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि राज्य में किसानों द्वारा दिल्ली सरहद से काफ़ी पहले के समय से ही प्रदर्शन किये जा रहे हैं इसलिए उन्होंने स्वाभाविक तौर पर पुलिस अधिकारियों को सिफऱ् राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली ही नहीं बल्कि समूचे पंजाब की स्थिति बारे नियमित रूप में ताज़ा हालात की जानकारी और ख़ुफिय़ा रिपोर्ट देने के लिए कहा था। उन्होंने आगे बताया कि किसानों के प्रदर्शन स्थल पर पंजाब के कुछ पुलिसकर्मियों की मौजूदगी का गलत मतलब निकाल कर इसको तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि हालात पर नजऱ रखना राज्य की पुलिस का काम है और राज्य के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री होने के नाते पूरी स्थिति से अवगत होना उनकी जि़म्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जो कोई भी यह समझता है कि कुछ पुलिस अधिकारी किसानों के साथ बातचीत कर सकते हैं या केंद्र सरकार द्वारा खेती कानूनों में संशोधन के सुझावों को मानने के लिए किसान नेताओं को राज़ी कर सकते हैं, तो वह बिल्कुल ही न-समझ हैं। उन्होंने आगे कहा कि जब केंद्र सरकार के चोटी के नेता मौजूदा समय के दौरान बातचीत की प्रक्रिया में शामिल हैं तो उनके (कैप्टन अमरिन्दर सिंह) इसमें शामिल होने का सवाल कहाँ से पैदा होता है? कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल और अरविन्द केजरीवाल और इन दोनों के पार्टी कार्यकर्ता झूठ और फऱेब का सहारा लेकर अपनी उन नाकामियों को छिपाना चाहते हैं जिसका सामना इनको खेती कानूनों द्वारा पैदा हुए समूचे संकट के दौरान करना पड़ा है। सुखबीर सिंह बादल के बेतुके दावे कि पंजाब विधानसभा में तीन खेती बिलों के खि़लाफ़ पास किये गए प्रस्ताव राज्यपाल को नहीं भेजे गए, संबंधी कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल के प्रधान अपना संतुलन गंवा बैठे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘या शायद वह गंभीर तौर पर भूलने की बीमारी के शिकार हैं क्योंकि उनकी पार्टी के साथी जिसमें बिक्रम सिंह मजीठिया भी शामिल थे, मेरे साथ प्रस्ताव और तीनों प्रांतीय संशोधन बिलों को राज्यपाल को सौंपने के लिए राजभवन गए थे। मुख्यमंत्री ने सुखबीर सिंह बादल को सलाह दी कि वह अपनी बीमारी से निजात पाने के लिए डॉक्टरी सलाह लें। उन्होंने आपसी विरोध वाली टिप्पणियाँ करने के लिए सुखबीर सिंह बादल और उनकी पत्नी पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल को राज्यपाल की मंज़ूरी के मुद्दे सम्बन्धी भी निशाने पर लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अकालियों और आप, जिन्होंने केंद्रीय कृषि कानूनों बारे यू-टर्न लिया, के उलट पंजाब सरकार ने इन कानूनों सम्बन्धी स्पष्ट स्टैंड लिया और उनकी सरकार ने शुरू से ही इस मुद्दे बाबत किसानों के रूख की हिमायत की और आगे भी करती रहेगी। उन्होंने आगे कहा,‘‘ पंजाब के किसान और लोग अब आपकी झूठी कहानियों और ड्रामेबाज़ी के झाँसे में नहीं आऐंगे।’’ उन्होंने सुखबीर सिंह बादल और आप के राष्ट्रीय कनवीनर अरविन्द केजरीवाल को अपने राजनैतिक एजंडे को आगे बढ़ाने के लिए भ्रामक प्रचार बंद करने की चेतावनी भी दी।
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ਬੀਤੇ ਪੰਜ ਮਹੀਨਿਆਂ ਵਿਚ ਵਾਪਰੀਆਂ ਸਿਆਸੀ ਘਟਨਾਵਾਂ ਨਾਲ ਦੁੱਖ ਪਹੁੰਚਿਆ-ਕੈਪਟਨ ਅਮਰਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਨੇ ਅਸਤੀਫਾ ਦੇਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਸੋਨੀਆ ਗਾਂਧੀ ਨੂੰ ਲਿਖਿਆ ਪੱਤਰ