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डिजिटली तौर पर समर्थ बने पंजाब के किसान: डिजिलाकर पर उपलब्ध जे-फार्म को योग्य दस्तावेज माना जायेगा

किसानों की सुविधा के लिए डिजिलाकर शुरू करने वाला देश का पहला राज्य बना पंजाब: लाल सिंह

नवीन पहलकदमी से राज्य के 10 लाख किसानों को होगा लाभ

वित्तीय संस्थाओं से वित्त लेने, आई.टी. छूटें, सब्सिडी दावा और अल्य कल्याण स्कीमों का लाभ लेने के लिए किया जा सकेगा डिजिटल कापी का इस्तेमाल

नबज़-ए-पंजाब ब्यूरो, चंडीगढ़, 16 मईः
ई -गवर्नेंस को उत्साहित करने के इलावा एक अन्य किसान समर्थकी पहलकदमी करते पंजाब हुये किसानों के लिए डिजिलाकर की सुविधा शुरू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। राज्य में अब किसानों के पास अपने जे-फार्म की डिजिटल कापियों का प्रिट लेने या डाउनलोड करने की छूट होगी क्योंकि पंजाब मंडी बोर्ड ने गेहूँ के खरीद सीजन-2021 से जे-फार्म का इलेक्ट्रानिक फॉर्मेट उपलब्ध करवा दिया है।
इस संबंधी जानकारी देते हुये पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन लाल सिंह ने कहा कि यह कदम किसानों को अपनी खेती उपज की प्रमाणिक डिजिटल बिक्री रसीद तक असली समय की पहुँच को यकीनी बनाने के लिए रास्ता साफ करते हुये उनको डिजिटल तौर पर समर्थ बनागा। उन्होंने कहा कि इस डिजिटल प्रयास से मौजूदा रबी मंडीकरन सीजन के दौरान तकरीबन 10 लाख जे-फार्म धारक किसानों ने मंडी बोर्ड के पास रजिस्टे्रशन करवाई है।
लाल सिंह ने आगे बताया कि इस महत्वपूर्ण कदम के लागू होने से यदि कोई किसान रजिस्ट्रेशन फार्म घर भूल जाता है या दस्तावेज गुम हो जाता है या किसान प्रिंटिड कापी मिलने का इन्तजार कर रहा है, तो उनको सिर्फ डिजिलाकर एप डाउनलोड करने और अपना वर्चुअल जे-फार्म सेव करने की जरूरत है। लाल सिंह ने कहा यह फार्म बिल्कुल योग्य माना जायेगा और चैकिंग के समय पर दिखाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जब आवेदनकर्ता का जे-फार्म आढ़तिया के द्वारा मंजूर हो जाता है तो उसे फोन पर मंजूरी संबंधी संदेश मिलता है जो एप में से डाउनलोड किया जा सकता है।
चेयरमैन ने आगे बताया कि डिजिलाकर में डिजिटल जे-फार्म का प्रयोग वित्तीय संस्थाओं से वित्त लेन; आनलाइन वैरीफायी/तस्दीक किया जा सकता है, आई.टी. छूटें, सब्सिडी दावा, किसान बीमा आदि सहूलतें ली जा सकती है।
इस डिजिटल पहलकदमी के बारे और ज्यादा जानकारी देते हुये पंजाब मंडी बोर्ड के सचिव रवि भगत ने बताया कि किसानी सहूलतों का लाभ लेते समय यदि कोई मौके पर जांच के दौरान इस दस्तावेज की माँग करता है तो डिजिलाकर के जरिये उक्त जे-फार्म दिखाया जा सकता है। सचिव ने कहा कि इससे किसानों को प्लास्टिक कार्ड या फिजिकल तौर पर कापियां रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
श्री रवि भगत ने आगे बताया कि मंडी बोर्ड की तरफ से इस सम्बन्धी अलग-अलग विभागों के जांच अमले को अवगत करवाने के लिए पंजाब की मार्केट कमेटियों के समूह सचिवों को पहले ही एक पत्र जारी किया गया था। सचिव ने अधिकारियों को यह भी यकीनी बनाने के लिए कहा कि मौके पर तस्दीक के समय स्मार्टफोनों पर उपलब्ध ‘वर्चुअल जे-फार्म को जायज माना जाये।
अतिरिक्त निर्देश देते हुये रवि भगत ने कहा कि ‘वर्चुअल’ जे-फार्म की मंजूरी सम्बन्धी आम लोगों को जागरूक करने के लिए राज्य की मार्केट कमेटी दफ्तरों के नोटिस बोर्डों पर यह जानकारी दी जायेगी। इसके इलावा डिजिटल पंजाब मुहिम के लक्ष्यों को पूरा करने के साथ-साथ यह प्रणाली भ्रष्टाचार को भी खत्म करेगी, जिससे जे-फार्मों की हार्ड कापी उपलब्ध न होने की सूरत में लोगों को भारी जुर्माने नहीं देने पड़ेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब मंडी बोर्ड ने डिजिटल इंडिया कारपोरेशन (डीआईसी) अधीन इलैक्ट्रॉनिकस और आईटी मंत्रालय की एक प्रमुख पहल डिजिलाकर की तरह सरकार की अलग-अलग पहलकदमियों का समर्थन और इसको उत्साहित किया है।
गौरतलब है कि डिजिलाकर भारत सरकार के प्रमुख प्रोग्राम डिजिटल इंडिया के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण पहलकदमी है जिसका उद्देश्य भारत को एक डिजिटली समर्थ देश और अन्य शिक्षित अर्थव्यवस्था में बदलना है। डिजिलाकर नागरिकों को जनतक क्लाउड पर सांझा करने के योग्य प्राईवेट स्पेस प्रदान करने और इस क्लाउड और सभी दस्तावेज/सर्टिफिकेट उपलब्ध कराने सम्बन्धी डिजिटल इंडिया के दृष्टीकोण वाले क्षेत्रों में शामिल होता है।

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