मंत्रिमंडल में भ्रष्टाचारियों को शामिल किया तो मुख्यमंत्री आवास का करेंगे घेराव: हरपाल चीमा

भ्रष्ट मंत्रियों पर एफआईआर दर्ज कर पाई-पाई वसूली जाए: आप

चर्चा में आए भारत भुषण आशु और राणा गुरजीत सिंह के नामों पर ‘आप’ को एतराज

नबज़-ए-पंजाब ब्यूरो, चंडीगढ़, 25 सितंबर 2021:
आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ एवं नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा, ‘‘यदि भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे मौजूदा और पूर्व मंत्रियों को पंजाब सरकार के नए मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है तो ‘आप’ सडक़ से लेकर विधानसभा तक संघर्ष करेगी और मुख्यमंत्री के आवास पर भी रोष प्रदर्शन करेगी’’। चीमा ने मांग की कि कैप्टन सरकार के भ्रष्ट मंत्रियों के खिलाफ केस (एफआईआर) दर्ज कर पाई-पाई का हिसाब लिया जाए और उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाया जाए। हरपाल सिंह चीमा ने यह मांग पार्टी के मुख्यालय में प्रेस को संबोधित करते समय की। इस दौरान उनके साथ पार्टी के प्रवक्ता नील गर्ग और प्रवक्ता मनविंदर सिंह गयासपुरा भी मौजूद रहे।
चीमा ने कहा कि ‘आप’ लंबे समय से पंजाब मंत्रिमंडल से भ्रष्ट मंत्रियों को बर्खास्त किए जाने की मांग करती रही है। इस कारण पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने अपने नए मंत्रिमंडल में से बलबीर सिंह सिद्धू , साधू सिंह धर्मसोत, सुंदर शाम अरोड़ा और राणा गुरमीत सिंह सोढी को बाहर का रास्ता दिखाया है। चीमा ने कहा कि उन्हें इस बात कि तसल्ली है कि बतौर मुख्य विरोधी पक्ष वह अपनी जिम्मेदारी निभाने में कामयाब हुए हैं।
चीमा ने कहा, मंत्रिमंडल में फेरबदल ने उनके सभी आरोपों की पुष्टि कर दी है। लेकिन इसके साथ क्या कांग्रेस ने अपना दशकों पुराना भ्रष्ट किरदार बदल लिया है या यह केवल चुनाव से पहले किया गया ड्रामा है? उन्होंने कहा कि सवाल और चुनौती यह है कि मुख्यमंत्री इन भ्रष्ट मंत्रियों के खिलाफ एफआईआर कब दर्ज करेंगे?
हरपाल सिंह चीमा ने कहा, कैप्टन सरकार के साढ़े चार साल में लोगों ने देख लिया कि यह सभी कांग्रेसी ‘अली बाबा’ गैंग का हिस्सा ही रहे हैं। चन्नी की अगुआई में यह सभी दूध के धूले नहीं हो जाएंगे, लेकिन क्या कांग्रेस लोगों को वह पैमाना बताएगी कि मंडी माफिया के सरगना भारत भुषण आशु को क्यों बचाया जा रहा है? पूर्व मंत्री राणा गुरजीत सिंह को दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल करने के संबंध में हरपाल सिंह चीमा ने सवाल किया कि ‘‘क्या राणा गुरजीत सिंह अब गंगा नहाकर आए हैं?’’

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चन्नी दबाव के बजाय सिद्धू और गांधी परिवार के सामने हिम्मत दिखाएं: चीमा
हरपाल सिंह चीमा ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को परामर्श देते हुए कहा कि वह गांधी परिवार की नहीं, बाबा साहिब डॉ. भीम राव अम्बेडकर की सोच और संविधान की बदौलत मुख्यमंत्री के पद पर काबिज हुए हैं। इसलिए चन्नी को स्वयं बने बैठे सुपर सीएम नवजोत सिंह सिद्धू और गांधी परिवार के सामने दबाव महसूस करने के बजाय हिम्मत से आगे आना चाहिए।
चीमा ने कहा, भले ही राजनीतिक तौर पर वह कांग्रेस के बड़े विरोधी हैं लेकिन जब कांग्रेस ने अपनी मजबूरी के कारण मुख्यमंत्री के लिए एक दबे-कुचले और गरीब परिवार से संबंध रखने वाले सिख चरणजीत सिंह चन्नी को चुना तो खुशी हुई कि एक वर्ग को बड़ी नुमाइंदगी मिली है और समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। लेकिन उनकी यह तसल्ली कांग्रेस हाईकमान ने अगले ही पल खत्म कर दी। चन्नी को जिस प्रकार नवजोत सिंह सिद्धू हाथ पकडक़र और कंधे पर हाथ रखकर घुमाते रहे, उस दौरान दबे-कुचले समाज की बेइज्जती साफ नजर आई। अब जैसे कांग्रेस हाईकमान चन्नी को रोजाना दिल्ली की दौड़ लगवा रही है, इससे मन ओर दुखी हुआ कि कांग्रेसियों ने उन्हें मुख्यमंत्री का सही सम्मान न देकर महज चुनाव तक ‘डमी’ मुख्यमंत्री बनाया है। इस कारण वह अपना मंत्रिमंडल तो दूर डीजीपी, मुख्य सचिव, एजी समेत अन्य अधिकारियों को भी अपनी मर्जी से नहीं चुन सकते।

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