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पंजाब के डीजपी द्वारा जहरीली शराब के मामले में दर्ज मुकद्दमों की तेजी से जांच करने के लिए 2 विशेष जांच टीमों का गठन

एडीजीपी कानून और व्यवस्था करेंगे दोनों जांच टीमों की निगरानी

नबज़-ए-पंजाब ब्यूरो, चंडीगढ़, 5 अगस्तः
डायरैक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डी.जी.पी.) दिनकर गुप्ता ने बुधवार को दो विशेष जांच टीमों (एस.आई.टी.) के गठन का आदेश दिया है ताकि जहरीली शराब से घटे दुखांत में दर्ज सभी एफ.आई.आरों की तेजी से जांच की जा सके। एडीजीपी (कानून और व्यवस्था) ईश्वर सिंह दोनों एसआईटीज की निगरानी करेंगे।
पंजाब पुलिस ने इस मामले में कुल पाँच मुकद्दमे दर्ज किये हैं जिनमें से तरनतारन में 3, अमृतसर देहाती और बटाला में एक-एक एफआईआर दर्ज की गई। डीजीपी दिनकर गुप्ता ने कहा कि पहली बार एसपी-स्तर के अधिकारियों को इन मामलों के लिए जांच अधिकारी (आई.ओ.) नामजद किया गया है जिससे अपराधियों के दोष जल्द से जल्द सामने लाए जा सकें।
डी.जी.पी. ने जांच अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि एस.आई.टी. की निगरानी में पंजाब राज्य के अंदर और बाहर दोनों हर किस्म के संबंधों को उजागर करने के लिए पूरी और व्यापक जांच को यकीनी बनाया जाये। डी.जी.पी. ने कहा कि आई.ओज सम्बन्धित अदालतों में जल्द से जल्द अपने दस्तखतों अधीन अंतिम रिपोर्ट दायर करने के लिए भी जिम्मेदार होंगे।
डिआईजी (फिरोजपुर रेंज फिरोजपुर) हरदयाल सिंह मान तरनतारन में दर्ज मुकद्दमों की जांच के लिए एसआईटी का नेतृत्व करेंगे जबकि आई.जी (बार्डर रेंज अमृतसर) सुरिन्दरपाल सिंह परमार, अमृतसर और बटाला में दर्ज मुकद्दमों की जांच करने वाली एसआईटी की निगरानी करेंगे।
तरन तारन एस.आई.टी. के अन्य सदस्यों में एस.एस.पी तरन तारन, /ध्रुमन निंबले, एस.पी (जांच) तरनतारन, जगजीत सिंह वालों जिनको जांच अधिकारी नामांकित किया गया है।
एस.एस.पी अमृतसर (देहाती) ध्रुव दाहिया, गौरव तूरा और एस.पी जांच, अमृतसर (देहाती) एफआईआर नं .109 तारीख 30.7.20, थाना तरसिक्का के लिए जांच अधिकारी नामांकित किये गए हैं जबकि एसएसपी बटाला रछपाल सिंह, तेजबीर सिंह एस.पी जांच बटाला एफआईआर नं .201 तारीख 31.7.2020, थाना सिटी बटाला की जांच के लिए दूसरी एसआईटी के मैंबर हैं।
एस.आई.टीज के चेयरमैनों को सबूतों की सही और उचित रिकार्डिंग को यकीनी बनाने के लिए पंजाब पुलिस के किसी भी अधिकारी / विंग / यूनिट, या पंजाब सरकार के किसी विभाग, या किसी विशेष संस्था / लैब या माहिरों की सहायता और सहयोग प्राप्त करने का अधिकार दिया गया है ताकि दोषियों को सजा दिलाने के लिए एक मजबूत केस तैयार किया जा सके। डीजीपी ने कहा कि जांच के अलग-अलग चरणों पर कानून / सरकारी वकील अधिकारी की सलाह ली जायेगी।

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