Share on Facebook Share on Twitter Share on Google+ Share on Pinterest Share on Linkedin ढींडसा के शिरोमणि अकाली दल को नहीं मिल पाएगी चुनाव आयोग से मान्यता: डा. राणूं चले हुए कारतूसों का मिश्रण है ढींडसा का नया शिरोमणि अकाली दल: डॉ. राणू नबज़-ए-पंजाब ब्यूरो, मोहाली, 9 जुलाई: सहजधारी सिक्ख पार्टी के सुप्रीमो डॉ. परमजीत सिंह राणू ने आज यहां मोहाली प्रेस कल्ब में आयोजित एक संवाददाता संमेलन में दावा किया कि वरिष्ठ अकाली नेता सुखदेव सिंह ढींडसा के नव-निर्मित शिरोमणि अकाली दल (डैमोक्रेटिक) को भारतीय चुनाव आयोग से यह नाम रखने की अनुमति कभी नहीं मिल सकती। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने इस से पहले सहजधारी सिक्ख पार्टी को ये कहकर सहजधारी शिरोमणि अकाली दल नाम अलाट करने से इंकार कर दिया था कि उस से पहले ही चल रहे अकाली दल के नाम से लोगों में नाम को लेकर असमंजस पैदा हो जायेगी। अब ठीक उसी तकनीक को मानते हुए आयोग ढींडसा को यह नाम अलाट नहीं करेगा। अगर चुनाव आयोग ने शिरोमणि अकाली दल अथवा शिरोमणि अकाली दल (डैमोक्रेटिक) नाम किसी को अलाट करने की कोशिश की तो उसका विरोध किया जायेगा। प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधन करते हुए डॉ. राणू ने बताया कि 4 नवंबर, 2001 को सहजधारियों ने श्री अकाल तख्त साहिब के प्रांगण में खड़े हो कर अरदास करते हुए ‘सहजधारी शिरोमणी अकाली दल’ नामक एक नई पार्टी का गठन किया था तथा भारतीय चुनाव आयोग के पास इसी नाम से आवेदन भी किया था। चुनाव आयोग ने अपने पत्र दिनांक 18 दिसंबर, 2001 द्वारा साफ मना कर दिया था कि ‘शिरोमणी अकाली दल’ तो पहले से ही पंजाब राज्य की एक मान्यता प्राप्त रजिस्टर्ड पार्टी है तथा यह मिलता-जुलता नाम मतदाताओं में भ्रम उतपन्न करेगा। आयोग का कहना था कि कोई अन्य नाम रखा जाए और उसके बाद उन्होंने ‘सहजधारी सिक्ख फैडरेशन रजिस्टर्ड हुई थी जो कि बाद में बाद में ‘सहजधारी सिक्ख पार्टी’ बनी। डॉ. राणूं ने कहा कि यदि ढींडसा अपनी पार्टी को श्रिोमणी अकाली दल (डैमोक्रैटिक) रजिस्टर्ड करवाने में सफल हो जाते हैं, तो सहजधारी सिक्ख पार्टी अपने पूर्व नाम ‘सहजधारी शिरोमणी अकाली दल’ पर चुनाव आयोग के पास दावा प्रस्तुत करेगी। अकाली नेता ढींडसा द्वारा एलान किये नये अकाली दल के बारे में बोलते हुए डॉ. राणू ने कहा कि नया शिरोमणी अकाली दल तो चले हुए कारतूसों का मिश्रण है जिन्हें लोग पहले ही तिलांजलि दे चुके हैं। इस पार्टी के अध्यक्ष स्वयं श्री ढींडसा कभी चुनाव नहीं जीत सके व हर बार बादल परिवार के सहारे ही पार्लियामेंट में जाते रहे हैं तथा केन्द्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। कान्फ्रेंस में सहजधारी सिक्ख पार्टी के जिला मोहाली से प्रधान अशोक कुमार नीटा, वाईस प्रधान रघुविन्द्र सिंह तथा यूथ विंग के वाईस प्रधान सुरजीत सिंह भी हाजिर थे।
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ਬੀਤੇ ਪੰਜ ਮਹੀਨਿਆਂ ਵਿਚ ਵਾਪਰੀਆਂ ਸਿਆਸੀ ਘਟਨਾਵਾਂ ਨਾਲ ਦੁੱਖ ਪਹੁੰਚਿਆ-ਕੈਪਟਨ ਅਮਰਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਨੇ ਅਸਤੀਫਾ ਦੇਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਸੋਨੀਆ ਗਾਂਧੀ ਨੂੰ ਲਿਖਿਆ ਪੱਤਰ