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कांग्रेस सरकार और डीजीपी के राज में पंजाब की कानून व्यवस्था बिगड़ी: जसवीर सिंह गढ़ी

अतंकवाद वाले बयान पर बसपा ने डीजीपी की मुर्दाबाद कर पुतला फूंका

न्यूज़-ए-पंजाब ब्यूरो, चंडीगढ, 23 फरवरी:
बसपा पंजाब के मुख्य दफ़्तर से जारी वक्तव्य में कहा कि बसपा ने आज दाऊं में विशाल सहीदी कान्फ्रेंस की जिसमे बसपा प्रदेश अध्यक्ष सरदार जसवीर सिंह गढ़ी ओर बहन कुलवंत कौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। बसपा पंजाब ने जहां शाहिदों को श्रद्धांजलि दी बही पंजाब कांग्रस सरकार एवम् डीजीपी दिनकर गुप्ता के आतंकवादी वाले वक्तव्य ऊपर सख्त विरोध दर्ज कराया। बसपा पंजाब ने खरेर चंडीगढ़ मुख्य सड़क पर उतरकर संकेतक जाम लगाते हुए जहां पंजाब डीजीपी की मुर्दाबाद की वहीं डीजीपी का पुतला फूंका। पंजाब डीजीपी ने करतारपुर में जाने वाले श्रद्धालुओ को 6 घंटे में अतंकवादी बन जाने वाला विवादास्पद बयान दिया था। बसपा पंजाब अध्यक्ष सरदार गढ़ी ने कहा है कि पंजाब में दलितों की सुरक्षा खतरे में है। पंजाब में दलितों के ऊपर हो रहे ज़ुल्मो के खिलाफ पुलिसअधिकारी पर्चे दाखिल नहीं कर रहे, ना ही कोई कार्रवाई कर रहे है। 6/6 महीने बीत जाने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। सरदार गढ़ी ने कहा गुरु नानक साहिब ने कीरत करो, वंड शको, नाम जपो का संदेश दिया है । करतारपुर की धरती कोड़ा राक्षस व सज्जन ठग जैसे लोगो को भद्रपुरश बनने का उपदेश देती है। परंतु वरिष्टता क्रम तोड़कर तिकड़मबाजी से बना डीजीपी दिनकर गुप्ता आरएसएस की कठपुतली लगता है और मानवता विरोधी वियान दे रहा है। डीजीपी दलित विरोधी है जिसने बसपा की लीडरशिप से सुरक्षा कर्मचारियों को हटाया है ताकि बसपा लीडरशिप को सरकारी आतंकवाद का शिकार बनाया जा सके। यह कांगरस पार्टी की साज़िश है जो कि जातिवादी मानसिकता की शिकार है। डीजीपी को तुरंत बर्खास्त करने की बसपा पंजाब ने मांग की ओर डीजीपी की मुर्दाबाद के ना रों से आसमान गूंज उठा। बसपा अध्यक्ष ने कहा कि 25 फ़रवरी को नूरमहल में भी डीजीपी का पुतला फूंककर मुर्दाबाद की जाएगी। वहीं पंजाब में बसपा डीजीपी का अचनचेट घीराव भी करेगी। इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष हरजीत सिंह लौंगिया, प्रदेश महासचिव राजा राजेन्द्र सिंह न्नहेरिया, सोढी विक्रम सिंह, मास्टर नचतर सिंह, हरनेक सिंह देवपुरी, सुरिंदर सिंह सहोड़ा, हरनेक सिंह एसडीओ, उजागर सिंह दूबाली, सुखदेव सिंह चापड़चिरी, वारियाम सिंह, सुखदेव सिंह सोनू, हरबंस सिंह मोहाली, चरणजीत सिंह डरेबासी, डाक्टर जरनैल सिंह, हरका दास, कुलदीप सिंह घुरियां, कुलदीप सिंह पापराली, गुरदर्शन ढोलानमजरा, तरलोचन सिंह सैनी, जे ई हरनेक सिंह, परमिंदर सिंह कंसाला, सोहन सिंह बावा, सुचा सिंह बलोंगी, आदि हजारों लोग शामिल हुए।

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